राजस्थान की धरती पर एक ऐसा रहस्यमयी व्यक्ति हैं जिनका नाम है गणेश भाई गुर्जर, जिन्हें लोग प्यार से “kaali kambal wale baba” कहते हैं। बाबा का दावा है कि वह दुनिया की हर गंभीर बीमारी का इलाज कर सकते हैं, और उनकी इस अनोखी ताकत का राज़ है एक काला कंबल।
बाबा की कहानी किसी फिल्मी कथा से कम नहीं है। उनका कहना है कि एक दिन उन्हें एक आम के पेड़ के नीचे से एक काला कंबल मिला, जिसे उन्होंने माताजी का आशीर्वाद समझा। कहते हैं, इस कंबल में ऐसी शक्ति है कि जिसे भी ओढ़ाया जाए, वह ठीक हो जाता है। बाबा हमेशा इस काले कंबल को अपने कंधे पर रखते हैं और उनके सिर पर काली पगड़ी होती है, जो उनके व्यक्तित्व को और भी रहस्यमयी बना देती है।

बाबा का एक और दावा लोगों को हैरान कर देता है, वह किसी भी मरीज़ के इलाज के बदले में एक भी रुपया नहीं लेते। हालांकि, शिविर में कई दान पात्र लगे होते हैं, जहां लोग अपनी श्रद्धा अनुसार दान करते हैं। कहते हैं, रोज़ाना बाबा के दरबार में करीब 15-20 हज़ार लोग आते हैं, और हर दिन लाखों रुपये का दान जमा हो जाता है।
बाबा की लोकप्रियता यहीं खत्म नहीं होती। उन्होंने एक स्टॉल भी लगाया है जहां उनकी तस्वीरें, श्रीयंत्र, ताबीज़, और नारियल बेचे जाते हैं। यह सब मिलकर बाबा की छवि को और भी प्रभावशाली बना देते हैं।

कंबल वाले बाबा की यह कहानी न सिर्फ उनकी अनोखी शक्तियों की बात करती है, बल्कि इस बात पर भी रोशनी डालती है कि कैसे एक साधारण इंसान लोगों की आस्था का केंद्र बन सकता है। उनकी अनोखी कहानी और रहस्यमयी व्यक्तित्व ने उन्हें राजस्थान के एक आदर्श के रूप में स्थापित कर दिया है।
राजसमंद में ‘काले कंबल वाले बाबा’ का चमत्कारी खेल: हकीकत या धोखा?
राजसमंद में नया रहस्य: राजसमंद के शांत वातावरण में एक नए बाबा की कहानी ने हलचल मचा दी है। जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथित चमत्कार को लेकर विवाद अभी थमा नहीं था, तभी ‘काले कंबल वाले बाबा’ ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। बाबा, जिनका असली नाम गणेश भाई गुर्जर है, का दावा है कि उनके पास ऐसी अलौकिक शक्तियाँ हैं, जो लाइलाज बीमारियों को पलभर में ठीक कर सकती हैं।
शिविरों में उमड़ रही भीड़:
बाबा अलग-अलग जगहों पर 15-15 दिन के शिविर लगाते हैं, जहां दूर-दूर से लोग आते हैं। राजसमंद और राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, और उत्तर प्रदेश तक से लोग यहां पहुंचते हैं। बाबा के काले कंबल को छूने भर से बीमारियां दूर होने के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग बाबा के दावों से असहमत हैं और कहते हैं कि उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ।
काले कंबल की आध्यात्मिक शक्ति:
गणेश भाई गुर्जर, उर्फ कंबल वाले बाबा, हमेशा अपने कंधे पर एक काला कंबल रखे रहते हैं। उनका दावा है कि इसी कंबल में उनकी सारी शक्ति है। उनका कहना है कि जब वह किसी पर यह कंबल डालते हैं,

तो उन्हें उसकी बीमारी का पता चल जाता है और वह उसे ठीक कर सकते हैं। बाबा के अनुसार, यह कंबल उन्हें एक आम के पेड़ से मिला था और उनकी माताजी ने उन्हें यह आशीर्वाद दिया था कि यह कंबल किसी पर डालने से वह ठीक हो जाएगा।
हर बीमारी का इलाज:
बाबा का दावा है कि उनके पास हर गंभीर बीमारी का इलाज है, चाहे वह लकवा हो, पोलियो, कैंसर या कोई और जानलेवा बीमारी। वह कहते हैं कि यह उनके 32 वर्षों की साधना का परिणाम है, और अब वह इस 33वें वर्ष में भी लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।
शिविर में बंपर कमाई का खेल:
बाबा के शिविर में इलाज के अलावा मोटी कमाई भी हो रही है। 40 रुपये की खाने की थाली, बिसलेरी की बोतल, चाय, बाबाजी का यंत्र और हवन के नारियल जैसी चीजों की बिक्री से लाखों की कमाई होती है। यहां तक कि हवन के लिए 11 नारियल की जरूरत पड़ती है, जिसे बाबा खुद उपलब्ध कराते हैं।
प्रशासन की चुप्पी और बाबा के झूठे दावे:
पालड़ी-एम गांव में बाबा का शिविर पिछले एक महीने से चल रहा है, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कई मरीज बाबा के इलाज से निराश होकर लौटे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि बाबा के कंबल ने उनकी बीमारी को और भी बढ़ा दिया। बाबा का इलाज करने का तरीका भी बेहद विचित्र है। लकवे और पोलियो से पीड़ित लोगों को बाबा कपड़े की तरह मरोड़ देते हैं, और गूंगे-बहरे लोगों को थप्पड़ मारकर ठीक करने का दावा करते हैं।
दान और बाबा की बढ़ती दौलत:
बाबा दावा करते हैं कि वह किसी भी मरीज से एक रुपया भी नहीं लेते, लेकिन शिविर में हर रोज़ 15 से 20 लाख रुपये तक का दान इकट्ठा होता है। इसके अलावा, शिविर में बाबा की तस्वीर, श्रीयंत्र, ताबीज, और नारियल की बिक्री से भी भारी आमदनी होती है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार का समर्थन और विवाद:
बाबा के शिविर का उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री के सलाहकार और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने किया था। लेकिन अब, जब बाबा के दावे झूठे साबित होने लगे हैं, वह अपने शिविर से भागने की योजना बना रहे हैं।
निष्कर्ष:
काले कंबल वाले बाबा के चमत्कारी दावों ने पूरे राजस्थान में सनसनी फैला दी है, लेकिन क्या यह वास्तव में एक चमत्कार है या सिर्फ लोगों की भावनाओं से खिलवाड़? क्या बाबा का काला कंबल सच में अलौकिक शक्तियों का प्रतीक है, या यह सिर्फ एक धोखा है? इसका जवाब समय के साथ सामने आएगा।
 
			









Kon hai ye pakhandi baba