UP में अतिक्रमण पर सख्त प्रशासनिक कार्रवाई जारी: उत्तर प्रदेश में अवैध कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का एक्शन तेजी से जारी है। राज्य सरकार ने इन अवैध निर्माणों को हटाने के लिए एक व्यापक अभियान छेड़ रखा है, जिससे प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कई वर्षों से जमे अवैध अतिक्रमण को जड़ से खत्म करने की तैयारी हो रही है। फतेहपुर जिले के ललौली कस्बे में मंगलवार को हुए एक सख्त अभियान में पीडब्ल्यूडी ने अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाते हुए कड़े कदम उठाए।
Encroachment Free Development: सड़क चौड़ीकरण में बना अतिक्रमण बाधा
फतेहपुर के बंधवा से चिल्लापुल तक सड़क चौड़ीकरण के कार्य में सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण से आ रही थी। ललौली कस्बे के कई मकान और दुकानें सड़क के निर्धारित मानकों के तहत अतिक्रमण की श्रेणी में आ गई थीं। सड़क चौड़ीकरण का काम यहां बार-बार बाधित हो रहा था, जिससे प्रशासन को मजबूरी में कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
इस अभियान में पांच बुलडोजरों की मदद से 8 घंटे तक लगातार कार्य हुआ, जिसमें 25 मकानों और दुकानों के अवैध हिस्सों को तोड़ दिया गया। साथ ही, 52 अन्य अस्थाई अतिक्रमण भी हटाए गए। लोगों को पहले ही नोटिस दिया गया था, परंतु कुछ ने स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाया, जिसके बाद प्रशासन को यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
30 दिन की चेतावनी के बावजूद नहीं हटाया अतिक्रमण
इससे पहले, पीडब्ल्यूडी विभाग ने ललौली कस्बे के 137 दुकान और मकान मालिकों को 30 दिन पहले नोटिस जारी किया था। इसमें साफ-साफ कहा गया था कि वे स्वयं अपने अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों ने नोटिस मिलने के बाद अपने अवैध कब्जों को हटा दिया, लेकिन कई लोगों ने इसे नज़रअंदाज कर दिया। इन अनसुनी करने वालों पर मंगलवार को पीडब्ल्यूडी विभाग ने बुलडोजर चलाया और अवैध हिस्सों को तोड़ दिया।
मस्जिद को मिला अतिरिक्त समय: Religious Sensitivity
अतिक्रमण के दायरे में ललौली कस्बे के सदर बाजार में स्थित एक मस्जिद का दस फीट हिस्सा भी आ गया था। हालांकि, मस्जिद कमेटी ने समय की मांग की, जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले में 30 दिन का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया। मस्जिद कमेटी ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे इस अवधि में स्वत: अतिक्रमण हटा लेंगे।
यहां पर प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए मस्जिद के अतिक्रमण को तत्काल न तोड़ने का निर्णय लिया। इससे एक सकारात्मक संदेश गया और किसी तरह के तनावपूर्ण माहौल से बचा जा सका।
Security Arrangements: पुलिस और पीएसी का सुरक्षा कवच
ललौली कस्बा एक विशेष वर्ग की बाहुल्यता वाला क्षेत्र है, इसलिए अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी की आशंका थी। प्रशासन ने पूरी तैयारी के साथ यह अभियान चलाया। पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके लिए गाजीपुर, राधानगर, असोथर और ललौली थानों की फोर्स और एक प्लांटून पीएसी की तैनाती की गई थी।
हालांकि, अभियान के दौरान कोई विरोध देखने को नहीं मिला और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता और अरुण कुशवाहा समेत भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा, जिससे इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सका।
सड़क और नाला निर्माण का भव्य प्रोजेक्ट: 6.59 करोड़ का बजट
फतेहपुर के बंधवा से चिल्लापुल तक की 7 किलोमीटर लंबी सड़क को चौड़ा और मजबूत बनाने के लिए 6.59 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। यह सड़क हर साल ओवरलोडिंग के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती थी, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा, तीन करोड़ रुपये की लागत से आबादी क्षेत्र में नाला निर्माण भी किया जाना है।
अधिकांश हिस्सों में सड़क चौड़ीकरण का कार्य बिना किसी रुकावट के जारी है, लेकिन आबादी क्षेत्र में अतिक्रमण होने के कारण काम बाधित हो रहा था। अब अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क निर्माण का कार्य तेज़ी से पूरा किया जाएगा।
40 फीट का मानक लागू: Encroachment Removal Guidelines
पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस सड़क चौड़ीकरण के लिए एक मानक तय किया है, जिसके तहत सड़क के मध्य से दोनों ओर 40-40 फीट की जगह खाली कराई जानी है। आबादी क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश जगहों पर यह मानक लागू किया जा चुका है। हालांकि, आबादी क्षेत्र में अधिकांश मकान और दुकानों में पांच से दस फीट का अतिक्रमण पाया गया, जिसे हटाना अनिवार्य था। कई लोगों के टिनशेड और बरामदे इस प्रक्रिया में टूटे हैं, लेकिन यह काम विकास के लिए जरूरी था।
अधिकारियों की सख्त चेतावनी: Last Warning
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिन लोगों ने अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया है, उन्हें एक और मौका दिया जा रहा है। अगर वे 30 दिन के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटा लेते हैं, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। अनिल कुमार गुप्ता, एई, पीडब्ल्यूडी ने कहा,
“हमने आज अतिक्रमण अभियान चलाया है और ललौली कस्बे में सदर बाजार से सरांय गेट तक अतिक्रमण हटाया है। ग्रामीणों की मांग पर 30 दिन का समय और दिया गया है। जो लोग इस अवधि में अतिक्रमण हटा लेंगे, उन्हें राहत मिलेगी, अन्यथा एक नवंबर को पुन: अभियान चलाकर बाकी अतिक्रमण भी हटा दिया जाएगा।”
जनता की प्रतिक्रिया: Development for the People
ललौली कस्बे के स्थानीय निवासियों ने इस अभियान का मिलाजुला स्वागत किया है। कई लोगों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण और नाला निर्माण उनके लिए आवश्यक है, लेकिन कुछ लोगों को अपने मकान और दुकानों का हिस्सा टूटने का दुख भी है। प्रशासन ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि यह काम उनके लंबे समय के विकास के लिए जरूरी है और इससे भविष्य में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होगी।
सड़क चौड़ी होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी और क्षेत्र में व्यापार भी बेहतर हो सकेगा। प्रशासन का यह सख्त कदम निश्चित रूप से प्रदेश में अतिक्रमण मुक्त विकास की ओर एक बड़ा कदम है, जो लंबे समय तक लोगों के हित में साबित होगा।
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