शिव रक्षा कवच स्तोत्र (Shiv raksha stotram) भगवान शिव के सबसे प्रभावशाली और चमत्कारी स्तोत्रों में से एक है। आज की इस पोस्ट में हम आपको इस स्तोत्र का सरल अर्थ और इसकी महिमा से परिचित कराएंगे।
यह स्तोत्र व्यक्ति को हर तरह के डर, परेशानी और दुखों से बचाने के साथ-साथ उसे सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है। इसे महान योगी और ज्ञानी ऋषि याज्ञवल्क्य ने रचा था, जो भगवान ब्रह्मा के अवतार माने जाते हैं।
मान्यता है कि भगवान नारायण स्वयं ऋषि याज्ञवल्क्य के स्वप्न में आकर उन्हें इस शिव रक्षा स्तोत्र का ज्ञान दिया, जिससे यह स्तोत्र और भी चमत्कारी और दिव्य बन गया।
अद्भुत शिव रक्षा कवच स्तोत्र: संस्कृत में करें शक्तिशाली पाठ
भगवान शिव को नित्य, अजन्मा और अनंत कहा जाता है, क्योंकि उनका न कोई आरंभ है और न ही कोई अंत। वे अनादि हैं, जिनका अस्तित्व हमेशा से है और हमेशा रहेगा। शास्त्रों में भगवान शिव के महत्व को इस प्रकार वर्णित किया गया है, “यस्मात परं नापरमस्ति किञ्चित,” जिसका अर्थ है कि इस ब्रह्मांड में भगवान शिव से परे और कोई नहीं है। वे ही इस जगत की सर्वोच्च शक्ति हैं, जो संहार और सृजन दोनों के स्वामी हैं। उनकी महिमा ऐसी है कि वे विनाश के देवता होने के बावजूद करुणा, दया और शांति के प्रतीक माने जाते हैं। इसीलिए उन्हें “महादेव” कहा जाता है, जो देवों के देव हैं।

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त उनकी पूजा, ध्यान और विभिन्न स्तोत्रों का पाठ करते हैं। इनमें से “शिव रक्षा स्तोत्र” का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की परेशानी, दुःख, रोग, या भय से जूझ रहा हो, तो उसे शिव रक्षा स्तोत्र का नित्य पाठ करना चाहिए। यह स्तोत्र भगवान शिव से सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अद्भुत साधन है। इसका पाठ न केवल नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।
शिव रक्षा स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। इसका प्रभाव इतना गहरा है कि इसे पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ पढ़ने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सुरक्षा का अनुभव होता है। शिव रक्षा स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों को उनके दिव्य संरक्षण का अनुभव कराता है।
।। शिव रक्षा कवच स्तोत्र विनियोग ।।
विनियोग: – ऊँ अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषि:,
श्रीसदाशिवो देवता, अनुष्टुप् छन्द:, श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोग:

शिव रक्षा स्तोत्र अर्थ सहित: पाएं शिव की कृपा और सुरक्षा | Shiv Raksha Stotra in Hindi

शिव रक्षा स्तोत्र अर्थ सहित
अगर आप शिव रक्षा कवच स्तोत्र का पाठ संस्कृत में नहीं कर पा रहे हैं, तो कोई बात नहीं। आप इसे हिंदी में भी सरलता से पढ़ सकते हैं। आइए, हम इस पवित्र स्तोत्र को अर्थ सहित पढ़ते हैं और उसकी महिमा को समझते हैं।
।। शिव रक्षा स्तोत्र ।।
विनियोग – इस शिव रक्षा स्तोत्र के ऋषि याज्ञवल्क्य हैं, देवता श्रीसदाशिव हैं, और छंद अनुष्टुप है। इसे श्री सदाशिव की कृपा प्राप्त करने के लिए जपने का विधान है।
भगवान शिव का यह पवित्र स्तोत्र धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – ये चार प्रमुख लक्ष्यों की सिद्धि में आपकी सहायता करता है। इसकी महानता और उदारता असीमित है। ।।1।।
इस स्तोत्र का पाठ करते समय भगवान शिव के उन रूपों का ध्यान करें जो गौरी और विनायक के साथ हैं। वे त्रिनेत्रधारी और पाँच मुखों वाले हैं, और दस भुजाओं से युक्त हैं। ।।2।।
गंगा को अपनी जटाओं में धारण करने वाले शिव मेरे मस्तक की रक्षा करें। अर्धचंद्र को धारण करने वाले शिव मेरे ललाट की, कामदेव का नाश करने वाले शिव मेरे नेत्रों की, और सर्प को आभूषण के रूप में धारण करने वाले शिव मेरे कानों की रक्षा करें। ।।3।।
त्रिपुरासुर का संहार करने वाले शिव मेरे नासिका की, जगत के रक्षक शिव मेरे मुख की, वाणी के स्वामी मेरी जिव्हा की, और नीलकंठ शिव मेरी गर्दन की रक्षा करें। ।।4।।
जो शिव सरस्वती को अपने कण्ठ में धारण करते हैं, वे मेरे कण्ठ की रक्षा करें। विश्व का भार उठाने वाले शिव मेरे कंधों की, पृथ्वी के भार को समाप्त करने वाले शिव मेरी भुजाओं की, और धनुषधारी शिव मेरे हाथों की रक्षा करें। ।।5।।
भगवान शंकर मेरे हृदय की, गिरिजापति मेरे पेट की, और मृत्युंजय मेरी नाभि की रक्षा करें। व्याघ्रचर्मधारी शिव मेरी कमर की सुरक्षा करें। ।।6।।
दीन, दुखियों और शरणागतों के प्रेमी महेश्वर मेरे सभी अंगों की, ऊरूओं, घुटनों और जंघाओं की रक्षा करें। गणाधिपति मेरे टखनों की, और करुणासागर शिव मेरे चरणों की रक्षा करें। ।।7।।
जो भक्त इस शिव रक्षा स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और वह अंत में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करता है। ।।9।।
त्रिलोक में विचरण करने वाले भूत, पिशाच और ग्रह इस स्तोत्र के पाठ से त्वरित रूप से दूर हो जाते हैं। ।।10।।
जो भक्त शिव के इस “अभयंकर” कवच को भक्ति के साथ धारण करता है, वह तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर लेता है। ।।11।।
भगवान नारायण ने स्वप्न में याज्ञवल्क्य ऋषि को इस शिव रक्षा स्तोत्र का उपदेश दिया, जिसे ऋषि ने प्रातःकाल उठकर लिखा। ।।12।।
Benefits of the Shiva Raksha Kavach Stotra (शिव रक्षा कवच स्तोत्र के फायदे)
शिवजी की कृपा से जीवन में बदलाव: शिव रक्षा कवच स्तोत्र के अद्भुत लाभ
शिवजी का प्रिय स्तोत्र
शिव रक्षा कवच स्तोत्र भगवान शिव का एक बहुत ही खास और प्रिय स्तोत्र है। इसका रोजाना पाठ करने से भगवान शिव, जो आशुतोष हैं, जल्दी खुश हो जाते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति
अगर आप रोजाना नहाने के बाद इस स्तोत्र का हृदय से पाठ करें, तो यह आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है और सभी रोगों को दूर करता है। यह एक तरह से दिव्य औषधि है, जो आपके जीवन को स्वस्थ बनाती है।
अकाल मृत्यु से सुरक्षा
यदि आपकी कुंडली में अकाल मृत्यु का योग दिख रहा है, तो शिव रक्षा कवच का रोजाना पाठ करें। यह स्तोत्र अकाल मृत्यु के योग को समाप्त कर देता है और आपको जीवन की सुरक्षा प्रदान करता है। भगवान शिव की कृपा से आप लंबी उम्र जी सकते हैं।
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
गलत तंत्र-मंत्र के प्रभाव से अगर आप परेशान हैं, तो शिव रक्षा कवच का नियमित पाठ करें। यह स्तोत्र सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और तांत्रिक बाधाओं से आपकी रक्षा करता है और आपके जीवन को शांत और सुरक्षित बनाता है।
भय और तनाव से मुक्ति
अगर आपके मन में हमेशा भय रहता है या आप तनाव से जूझ रहे हैं, तो इस स्तोत्र का पाठ करें। यह आपकी मानसिक शांति को बहाल करता है और सभी प्रकार के भय और तनाव को दूर करता है।
पापों से छुटकारा और धन की वृद्धि
भक्ति भाव से शिव रक्षा कवच का पाठ करने से आपके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में धन और सम्पत्ति की वृद्धि होती है। यह स्तोत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करता है और समृद्धि लाता है।
मोक्ष की प्राप्ति
शिव रक्षा कवच का नियमित पाठ जीवन के अंत में मोक्ष प्राप्त करने में मदद करता है। यह आपके पापों को समाप्त करता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है।
सफलता का मार्ग
अगर आप अपने जीवन में हर दिशा में सफलता चाहते हैं, तो आज से ही शिव रक्षा कवच का पाठ शुरू करें। यह आपको हर कार्य में विजय दिलाने में मदद करेगा।
इस अद्भुत स्तोत्र को अपने जीवन में शामिल करें और भगवान शिव की विशेष कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करें।