Saat Mukhi Rudraksh: व्यापार में सफलता के लिए धारण करें ये चमत्कारी रुद्राक्ष, जानें सही नियम और लाभ

Saat Mukhi Rudraksh: सनातन धर्म में रुद्राक्ष धारण करने का विशेष महत्व है। यह भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है और महादेव को अति प्रिय है। रुद्राक्ष का हर मुख व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। इसी क्रम में सात मुखी रुद्राक्ष का महत्व बहुत ज्यादा है। इसे धारण करने से न केवल शनि दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति भी आती है। इस लेख में हम जानेंगे सात मुखी रुद्राक्ष से जुड़ी सभी जानकारियाँ, इसके धारण करने के नियम, फायदे और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

रुद्राक्ष का धार्मिक महत्व – 7 mukhi rudraksh ka dharmik mahatav

रुद्राक्ष को भगवान शिव के अश्रु से उत्पन्न माना जाता है। यह एक दिव्य बीज है जो धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों ही दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। महाशिवपुराण में इसका उल्लेख मिलता है, जिसमें कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान शिव की असीम कृपा बनी रहती है।

रुद्राक्ष के विभिन्न मुख होते हैं, जैसे एक मुखी, दो मुखी, पाँच मुखी, और इसी क्रम में सात मुखी रुद्राक्ष आता है। हर मुख का एक विशेष ग्रह से संबंध होता है, और इसे धारण करने से उस ग्रह से जुड़े दोषों का निवारण होता है। सात मुखी रुद्राक्ष का संबंध शुक्र ग्रह और शनि देव से माना जाता है।

सात मुखी रुद्राक्ष का महत्व – Importance of Saat Mukhi Rudraksh

सात मुखी रुद्राक्ष को शनि देव और शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। जो लोग शनि की प्रतिकूल दशा से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है। कुंडली में यदि शनि की स्थिति कमजोर हो, या शनि दोष हो, तो सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इस दोष का निवारण हो सकता है। इसके साथ ही, शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि, भौतिक सुख-सुविधाएं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

सात मुखी रुद्राक्ष को धन की देवी लक्ष्मी जी का प्रतीक भी माना गया है। इसे धारण करने से जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

सात मुखी रुद्राक्ष के प्रमुख लाभ – (Saat Mukhi Rudraksh Benefits)

1. शनि दोष का निवारण

शनि की प्रतिकूल दशा व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाएं पैदा कर सकती है। चाहे वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हों, आर्थिक संकट, या फिर मानसिक परेशानियां, शनि की महादशा जीवन को कठिन बना सकती है। सात मुखी रुद्राक्ष शनि की प्रतिकूल स्थिति को ठीक करने में सहायक है। इसे धारण करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में स्थिरता और शांति आती है।

2. आर्थिक समृद्धि

सात मुखी रुद्राक्ष को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के धन के स्रोतों में वृद्धि होती है। नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है, और व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि का अनुभव होता है। जिन लोगों को धन संबंधित समस्याएं हों, उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

3. मानसिक शांति

जिन लोगों को जीवन में मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, उनके लिए सात मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति का स्रोत है। इसे धारण करने से मन शांत रहता है और व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

4. स्वास्थ्य लाभ

शनि की प्रतिकूल दशा से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सात मुखी रुद्राक्ष शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है और व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है और दिल की बीमारियों से भी बचाव करता है।

5. व्यापार और करियर में उन्नति

व्यापार या करियर में रुकावट का सामना करने वाले लोग सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। यह व्यापार में वृद्धि लाता है और करियर में सफलता के नए द्वार खोलता है। इसे धारण करने से नौकरी में प्रमोशन की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम (Saat mukhi rudraksh dharan karne ke niyam)

रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसके नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इसे धारण करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे इसका पूरा फल प्राप्त हो सके।

1. शुद्धता और सात्विक जीवन

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति का जीवन सात्विक और पवित्र होना चाहिए। मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूरी बनानी चाहिए। साथ ही, धारण करने वाले को अपने आचरण में भी शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।

2. धारण करने का शुभ मुहूर्त

सात मुखी रुद्राक्ष को किसी शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए। इसके लिए सोमवार या शनिवार का दिन उत्तम माना गया है। सुबह स्नान करके, गंगाजल से रुद्राक्ष को शुद्ध करें और भगवान शिव की पूजा-अर्चना के बाद इसे धारण करें।

3. मंत्र जाप

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले ‘ॐ ह्रीं हूं नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र जाप रुद्राक्ष के प्रभाव को और भी शक्तिशाली बनाता है।

4. रुद्राक्ष की देखभाल

रुद्राक्ष को हमेशा साफ और सुरक्षित रखें। इसे धूल-मिट्टी से बचाएं और नियमित रूप से इसे गंगाजल से शुद्ध करें। रुद्राक्ष की माला या धागे को भी समय-समय पर बदलना चाहिए।

सात मुखी रुद्राक्ष के अन्य उपयोग (Saat mukhi rudraksh other uses)

सात मुखी रुद्राक्ष न केवल धारण करने के लिए उपयोगी होता है, बल्कि इसे घर या कार्यस्थल पर भी रखा जा सकता है। इसे पूजा स्थल पर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, व्यापार स्थल पर इसे रखने से व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।

सात मुखी रुद्राक्ष की पहचान (Saat mukhi rudraksh identity)

असली रुद्राक्ष की पहचान करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बाजार में नकली रुद्राक्ष भी मिलते हैं। असली सात मुखी रुद्राक्ष को पहचानने के लिए इसे गंगाजल या दूध में डालकर देखें, यदि यह गंगाजल में तैरता है, तो यह असली नहीं है। असली रुद्राक्ष ठोस होता है और इसमें सात स्पष्ट मुख होते हैं।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय आधार पर है। इसकी सटीकता की कोई गारंटी नहीं है। निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है।

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