पोनीटेल हेयरस्टाइल? नॉर्थ कोरिया में अब मना है! किम जोंग उन का नया तानाशाही फरमान देखें, क्या होगी सजा!

पोनीटेल हेयरस्टाइल एक ऐसा स्टाइल है जो हर लड़की की बेस्ट फ्रेंड है, चाहे वो ऑफिस गोइंग हो या कॉलेज गोइंग। ये हेयरस्टाइल इतना आसान है कि मिनटों में तैयार हो जाता है और साथ ही देता है एक स्टाइलिश और ग्रेसफुल लुक। सुबह की जल्दी हो या फिर कोई इंपॉर्टेंट मीटिंग, पोनीटेल आपके लुक को नेक्स्ट लेवल पर ले जाती है। इसे बनाना जितना आसान है, इसका इम्पैक्ट उतना ही ज्यादा है—आपको एक क्लासी और कंफर्टेबल वाइब देता है।

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये सुपर पॉपुलर हेयरस्टाइल अब उत्तर कोरिया में बैन होने जा रहा है। जी हां, आपने सही सुना! जिस पोनीटेल ने फैशन की दुनिया में हर लड़की का दिल जीता है, वही अब इस देश में अलाउड नहीं होगी। क्या सोच सकते हैं? पोनीटेल, जो एक सिंपल और बेसिक हेयरस्टाइल है, अब वहां की लड़कियों की पहुंच से बाहर होगी! इसका मतलब है कि ये सिर्फ एक हेयरस्टाइल नहीं, बल्कि एक तरह की आजादी भी है, जो अब वहां की लड़कियों से छीन ली जाएगी। इस तरह के फैसले से फैशन और फ्रीडम पर क्या असर पड़ेगा, ये देखना वाकई दिलचस्प होगा।

पोनीटेल रखने पर क्या सच में होगी सजा? जानिए पूरी हकीकत!

उत्तर कोरिया का तानाशाही शासन दुनिया भर में अपनी सख्त और अजीबोगरीब कानूनों के लिए बदनाम है, लेकिन इस बार किम जोंग उन ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। अगर कोई व्यक्ति पोनीटेल रखते हुए पकड़ा गया, तो उसे सजा के तौर पर सिर के बाल मुंडवाने पड़ेंगे, और इसके साथ ही उसे 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है। ये आदेश किम जोंग उन ने तब दिया, जब उन्होंने दक्षिण कोरिया के लोगों को पोनीटेल स्टाइल में देखा। अंग्रेजी वेबसाइट डेली स्टार के मुताबिक, किम जोंग उन का मानना है कि पारदर्शी आस्तीन और पोनीटेल जैसे फैशन ट्रेंड्स समाजवादी व्यवस्था की छवि पर धब्बा लगाते हैं और देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं।

किम जोंग उन के इन नए आदेशों से वहां के लोग हैरान और परेशान हैं। सिर्फ एक हेयरस्टाइल के लिए इतनी कठोर सजा? यह सोचकर उत्तर कोरियाई नागरिकों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस देश में पहले से ही ऐसे कई अजीब कानून लागू हैं जो आम जीवन को कठिन बना देते हैं। उदाहरण के तौर पर, यहां के नागरिकों को अपने कपड़ों, हेयरस्टाइल और यहां तक कि मनोरंजन के साधनों पर भी नियंत्रण रखना पड़ता है। सरकार का मानना है कि ये पाबंदियां समाज को अनुशासित और नैतिक बनाए रखने के लिए जरूरी हैं, लेकिन इसके उलट, लोगों को अपनी आजादी का हक ही नहीं मिल पाता।

उत्तर कोरिया में पाबंदियों का आलम यह है कि वहां के लोग अपने देश की ज्यादातर बातों को बाहर भी नहीं ला सकते। यहां के कानून इतने सख्त हैं कि छोटी-सी गलती भी बड़ी सजा का कारण बन जाती है। कई बार तो परिवार के एक सदस्य की गलती की सजा पूरे परिवार को भुगतनी पड़ती है। ऐसे माहौल में जीना वहां के नागरिकों के लिए एक संघर्ष बन चुका है।

किम जोंग उन का यह कदम भी उसी कड़ी का हिस्सा है जिसमें वे अपने नागरिकों पर हुकूमत करना चाहते हैं। पोनीटेल रखने पर बैन लगाना सिर्फ एक स्टाइलिश ट्रेंड को रोकना नहीं है, बल्कि यह उस मानसिकता को दर्शाता है जहां तानाशाही सरकार हर उस चीज़ पर पाबंदी लगाना चाहती है जो उसे अपनी विचारधारा से मेल नहीं खाती। यह एक ऐसा वातावरण है जहां फैशन तक पर नियंत्रण है, और हर छोटी बात पर भी सरकार की नजरें तनी रहती हैं। इस तरह के फैसलों से वहां के लोग न केवल मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक और भावनात्मक रूप से भी थक चुके हैं।

उत्तर कोरिया में फैशन और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवन का बोझ है, जहां हर कदम पर सरकार की मंजूरी जरूरी है। इस तरह के तानाशाही फैसले लोगों के जीवन को और भी कठिन बना रहे हैं, और दुनिया भर में एक बार फिर से किम जोंग उन के शासन के तौर-तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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