Hurun की लिस्ट में सबसे युवा अरबपति बने Kaivalya Vohra: जानिए इस युवा के Success का राज़!

21 साल की उम्र में जब अधिकांश लोग अपने करियर की दिशा तय कर रहे होते हैं, Kaivalya Vohra ने पहले ही खुद को भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल कर लिया है। Zepto के सह-संस्थापक और 2024 की हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के सबसे युवा अरबपति, कैवल्य का सफर प्रेरणादायक है। मात्र 19 साल की उम्र में हुरुन लिस्ट में पहली बार शामिल होने वाले कैवल्य की संपत्ति आज ₹3,600 करोड़ तक पहुँच गई है। इस बार उन्होंने लगातार तीसरी बार लिस्ट में जगह बनाई है। आइए जानते हैं कैसे कैवल्य ने इतनी छोटी उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया।

स्टैनफोर्ड से ड्रॉपआउट और Zepto की नींव

कैवल्य वोहरा का नाम पहली बार 2022 में हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में आया था, जब उनकी उम्र सिर्फ 19 साल थी। कम उम्र में ही उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम को अलविदा कहने का साहसिक फैसला लिया। उनका यह फैसला उनके दोस्त और सह-संस्थापक आदित पलिचा के साथ मिलकर Zepto की स्थापना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। आदित, जो खुद भी हुरुन इंडिया लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं, ने कैवल्य के साथ मिलकर एक ऐसे स्टार्टअप की नींव रखी जो आज भारत के सबसे बड़े क्विक कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म में से एक बन चुका है।

किरानाकार्ट से Zepto तक: एक इनोवेटिव सफर

शुरुआत में, कैवल्य और आदित ने अपने स्टार्टअप का नाम किरानाकार्ट रखा था, जो एक ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म था। किरानाकार्ट का उद्देश्य था कि ग्राहक अपनी ग्रोसरी की जरूरतें महज 45 मिनट के भीतर अपने घर के दरवाजे पर पा सकें। लेकिन उन्होंने जल्दी ही समझ लिया कि बाजार में और भी बड़े अवसर हैं। इसी सोच के साथ, किरानाकार्ट का विस्तार करते हुए उन्होंने Zepto को जन्म दिया, जो कि किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड का ही एक विस्तारित रूप था।

Kaivalya Vohra zepto owner

Zepto की अनोखी बिजनेस रणनीति और तेज डिलीवरी सर्विस ने इसे शहरों में तेजी से लोकप्रिय बना दिया। आज Zepto बेंगलुरु, लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई और अन्य प्रमुख शहरों में अपनी सेवाएँ दे रहा है। 2023 में Zepto की सफलता ने ऐसा मुकाम हासिल किया कि इसकी वैल्यूएशन $1.4 बिलियन हो गई, और इसी के साथ यह यूनिकॉर्न क्लब का हिस्सा बन गया।

Forbes की 30 अंडर 30 लिस्ट में जगह

कैवल्य वोहरा की सफलता सिर्फ हुरुन इंडिया लिस्ट तक सीमित नहीं रही। 2024 में उन्हें Forbes की 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में भी शामिल किया गया। इतनी कम उम्र में उन्होंने अपने स्टार्टअप को जिस ऊंचाई तक पहुँचाया है, वह आने वाले युवा उद्यमियों के लिए एक मिसाल है। उनका मानना है कि यदि आपके पास सही दृष्टिकोण और मेहनत करने का जज़्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं है।

Who is Kaivalya Vohra ?

  • रिच लिस्ट के अनुसार, वोहरा की कुल संपत्ति 3,600 करोड़ रुपये है, जबकि पालिचा का आंकड़ा 4,300 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र वोहरा ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई छोड़कर उद्यमिता की दुनिया में कदम रखा, जैसा कि NDTV ने रिपोर्ट किया है।
  • 2021 में, उन्होंने अपने स्टैनफोर्ड के दोस्त आदित पालिचा के साथ मिलकर Zepto की शुरुआत की। यह कंपनी COVID-19 महामारी के दौरान त्वरित और संपर्क रहित डिलीवरी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बनाई गई थी।
  • अब Zepto का सामना भारतीय ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न, और घरेलू प्रतिस्पर्धियों जैसे स्विग्गी इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट, और बिगबास्केट से है।
  • वोहरा ने 2022 में IIFL वेल्थ-हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में 19 साल की उम्र में एंट्री की थी, और तब से वह इस लिस्ट में लगातार शामिल होते रहे हैं।
  • रिपोर्ट का कहना है, ये युवा उद्यमी विभिन्न उद्योगों में नई दिशा दिखा रहे हैं, और भारत की युवा पीढ़ी के व्यवसाय में बढ़ते प्रभाव को साफ तौर पर दर्शाते हैं।

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024: नए चेहरों का आगमन

2024 में हुरुन रिच लिस्ट ने अपने 13वें वर्ष में प्रवेश किया और इस बार इसमें 1,539 व्यक्तियों को शामिल किया गया है, जिनकी कुल संपत्ति ₹1,000 करोड़ से अधिक है। इस साल की लिस्ट में 272 नए चेहरे भी हैं, जो दिखाते हैं कि भारत में उद्यमिता का भविष्य कितना उज्ज्वल है। हुरुन लिस्ट में शामिल होने वाले ये नाम न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाते हैं, बल्कि भारत के स्टार्टअप और इनोवेशन इकोसिस्टम की ताकत को भी उजागर करते हैं।

What Is The Kaivalya Vohra Net worth

सर्वेक्षण के अनुसार, रिचलिस्ट में वोहरा की कुल संपत्ति ₹3,600 करोड़ के करीब है, जबकि पालीचा की संपत्ति ₹4,300 करोड़ तक पहुँच चुकी है। इस धनी प्रतियोगिता में पालीचा ने वोहरा को थोड़ी सी बढ़त हासिल की है, और यह आंकड़े दर्शाते हैं कि दोनों ही आर्थिक समृद्धि के शिखर पर हैं।

निष्कर्ष

कैवल्य वोहरा की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कैसे एक सपने को सच किया जा सकता है। उन्होंने न केवल अपने विचारों को साकार किया, बल्कि भारत में क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में क्रांति भी ला दी। Zepto का सफर और कैवल्य की मेहनत और दूरदृष्टि आने वाले समय में भी लोगों को प्रेरित करती रहेगी। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि बड़े सपने देखने का साहस रखें और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करें।

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