IAS tina dabhi: ज़मीन पर बच्चों संग बैठीं जिला कलेक्टर, पूछा दिल छू लेने वाला सवाल

Barmer news: IAS tina dabhi का स्कूल दौरा: शिक्षा और उत्साह का मिलन, बाड़मेर का महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय संख्या एक, आज एक खास दिन का गवाह बना। जिले की जिला कलक्टर, टीना डाबी, बच्चों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आईं, और उनका उद्देश्‍य सिर्फ औपचारिकता निभाना नहीं था। बल्कि, उन्होंने विद्यालय में चल रहे मिड डे मील कार्यक्रम की गुणवत्ता को समझने और विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर को जानने का निर्णय लिया।

जब टीना डाबी विद्यालय में पहुंचीं, तो बच्चों के चेहरों पर चमक और उत्साह साफ देखा जा सकता था। उन्होंने अपनी सहजता के साथ बच्चों से पूछा, “आपको मिड डे मील कैसा मिल रहा है?” यह सवाल सुनते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ गई, और उन्होंने एक साथ जवाब दिया, “बहुत अच्छा!”

गुणवत्ता की जांच

टीना डाबी ने बच्चों के साथ बैठकर मिड डे मील का स्वाद चखा। उनकी यह पहल बच्चों को एक अलग अनुभव देने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित कर रही थी कि वे अपनी जरूरतों और विचारों को सीधे व्यक्त कर सकें। उन्होंने खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का गहराई से निरीक्षण किया। यह केवल खाने का निरीक्षण नहीं था, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक था।

इसके बाद, कलक्टर ने विद्यार्थियों से किताबें पढ़वाकर उनके शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन किया। उन्होंने देखा कि बच्चे कितनी गंभीरता से पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें कौन-कौन सी किताबें पसंद हैं। इस दौरान, बच्चे आत्मविश्वास से भरपूर नजर आए और उन्होंने टीना डाबी के सामने अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया।

शैक्षणिक गतिविधियों का निरीक्षण

टीना डाबी ने विद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों से संवाद करते हुए जाना कि वे कौन-कौन सी गतिविधियों में भाग लेते हैं। बच्चों ने बताया कि वे विज्ञान प्रयोग, कला और शिल्प, खेलकूद, और नृत्य जैसे विभिन्न विषयों में भाग ले रहे हैं।

उन्होंने यह भी देखा कि बच्चों के लिए कितनी संसाधन उपलब्ध हैं। पुस्तकालय की स्थिति, विज्ञान प्रयोगशाला, और खेल के मैदान का निरीक्षण करने के बाद, उन्होंने शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे बच्चों के लिए और भी बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम करें।

स्वच्छता और भोजन तैयार करने की प्रक्रिया

टीना डाबी ने विद्यालय की रसोई में जाकर भोजन तैयार करने की प्रक्रिया को भी देखा। उन्होंने रसोइयों से बातचीत की और पूछा कि वे किस प्रकार से भोजन तैयार करते हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी स्वच्छता मानकों का पालन किया जा रहा है और भोजन में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

स्वच्छता और गुणवत्ता पर टीना डाबी का ध्यान इस बात का प्रतीक था कि वे बच्चों की भलाई के प्रति कितनी गंभीर हैं। उन्होंने रसोइयों को यह निर्देश दिए कि बच्चों का स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

बच्चों का उत्साह और प्रोत्साहन

इस निरीक्षण के दौरान, बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। उनकी आंखों में चमक थी, और वे टीना डाबी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तत्पर थे। जब कलक्टर ने बच्चों को उनकी पसंदीदा गतिविधियों के बारे में पूछा, तो उन्होंने खुशी से उत्तर दिया।

टीना डाबी ने बच्चों के उत्साह को देखकर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “आप सभी में एक अनोखी क्षमता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें और कभी हार न मानें।” यह सुनकर बच्चों ने जोरदार ताली बजाई और उनकी आवाजें गूंज उठीं।

एक नई दिशा की ओर

इस दौरे के अंत में, टीना डाबी ने विद्यालय के शिक्षकों से बातचीत की और उन्हें प्रेरित किया कि वे बच्चों को और भी बेहतर शिक्षा देने के लिए नई रणनीतियों का उपयोग करें। उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जाए, जिससे वे न केवल सीखें बल्कि अपने कौशल को भी निखार सकें।

इस प्रकार, जिला कलक्टर टीना डाबी का यह दौरा न केवल विद्यालय के लिए एक विशेष अवसर था, बल्कि बच्चों के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत भी बना। उन्होंने शिक्षा, गुणवत्ता, और स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी प्रदर्शन किया।

टीना डाबी का यह प्रयास निश्चित रूप से बच्चों के दिलों में एक विशेष स्थान बना गया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारी भी बच्चों की भलाई और शिक्षा के प्रति समर्पित हो सकते हैं। यह दौरा न केवल एक निरीक्षण था, बल्कि बच्चों के लिए एक नई दिशा की ओर बढ़ने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

Leave a Comment