500 करोड़ की धोखाधड़ी में फंसे एल्विश यादव, भारती सिंह समेत 5 को समन! – (Elvish Yadav Scam)

Elvish Yadav Scam: दिल्ली पुलिस ने हाल ही में 500 करोड़ रुपये के एक बड़े ऐप-आधारित घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें देश के नामी यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का नाम सामने आया है। इस हाई-प्रोफाइल केस में यूट्यूबर एल्विश यादव, मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिम्बाचिया समेत पांच प्रमुख इन्फ्लूएंसर्स को समन भेजा गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने HIBOX नामक मोबाइल एप्लिकेशन का अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार किया और निवेशकों को बड़े मुनाफे का लालच देकर ठगा।

सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और यूट्यूबर्स पर गंभीर आरोप (Bharti singh scam)

दिल्ली पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ को 500 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कई यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स ने अपने चैनल और पेजों पर HIBOX एप्लिकेशन का प्रचार किया। इन प्रभावशाली हस्तियों ने अपने फॉलोअर्स को इस ऐप के माध्यम से निवेश करने के लिए प्रेरित किया। आरोप यह है कि इन्फ्लूएंसर्स ने इस ऐप के जरिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का वादा किया, लेकिन अंततः यह घोटाला साबित हुआ।

इस घोटाले में जिन प्रमुख इन्फ्लूएंसर्स का नाम सामने आया है, उनमें यूट्यूबर्स सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, और कॉमेडियन भारती सिंह तथा हर्ष लिम्बाचिया शामिल हैं। इनके अलावा, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित, और दिलराज सिंह रावत जैसे अन्य प्रमुख इन्फ्लूएंसर्स पर भी पुलिस की नज़र है।

कैसे हुआ 500 करोड़ का घोटाला?

दिल्ली पुलिस की जांच के मुताबिक, HIBOX ऐप एक बड़ा धोखाधड़ी तंत्र था, जिसे फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था। इस ऐप ने लोगों को रोज़ाना 1% से 5% तक के गारंटीशुदा रिटर्न का वादा किया। निवेशकों को एक महीने में 30% से 90% तक का मुनाफा देने की बात कही गई थी। शुरुआती कुछ महीनों में ऐप ने निवेशकों को समय पर भुगतान किया, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ा।

इस दौरान 30,000 से अधिक निवेशकों ने ऐप में करोड़ों रुपये का निवेश किया। लेकिन जुलाई 2024 के बाद, HIBOX ने “तकनीकी समस्याओं” और “कानूनी मुद्दों” का हवाला देकर भुगतान करना बंद कर दिया। इसके साथ ही निवेशकों की परेशानियाँ बढ़ने लगीं। जब निवेशकों ने कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। धीरे-धीरे, HIBOX के नोएडा स्थित कार्यालय को बंद कर दिया गया और कंपनी के अधिकारी गायब हो गए।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार, 18 करोड़ रुपये जब्त

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहली बड़ी सफलता तब हासिल की जब उन्होंने घोटाले के मास्टरमाइंड, चेन्नई निवासी शिवराम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने शिवराम के चार अलग-अलग बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। पुलिस के अनुसार, शिवराम इस घोटाले का मुख्य कर्ताधर्ता था और उसने HIBOX ऐप के जरिए निवेशकों को ठगने की योजना बनाई थी।

शिवराम ने इस धोखाधड़ी को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया और इसे वास्तविकता का रंग देने के लिए कई इन्फ्लूएंसर्स का सहारा लिया, जो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए इस ऐप का प्रचार कर रहे थे। इन इन्फ्लूएंसर्स की बड़ी फैन फॉलोइंग होने के कारण लोगों ने बिना किसी संदेह के इस ऐप में पैसा लगाया, जो बाद में उनके लिए एक बड़ा नुकसान साबित हुआ।

500 से अधिक शिकायतें, कई राज्य शामिल

इस घोटाले के खिलाफ 500 से अधिक शिकायतें दिल्ली पुलिस को प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 29 पीड़ितों ने सीधे तौर पर इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद, पुलिस ने 20 अगस्त को भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की। इसके अलावा, साइबर नॉर्थईस्ट जिले से भी कई शिकायतें आईं, जिन्हें IFSO को स्थानांतरित कर दिया गया।

सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स की भूमिका पर सवाल

इस घोटाले में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इन इन्फ्लूएंसर्स ने अपने फॉलोअर्स को बड़े रिटर्न का लालच देकर इस ऐप में निवेश करने के लिए उकसाया। हालांकि, क्या इन इन्फ्लूएंसर्स को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी या वे सिर्फ प्रचार के लिए भुगतान ले रहे थे, यह अभी जांच का विषय है।

हालांकि, इस मामले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन्फ्लूएंसर्स की नैतिकता और जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि सोशल मीडिया पर प्रचारित किए जाने वाले किसी भी उत्पाद या सेवा की सत्यता की जांच किए बिना उन पर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है।

आगे की जांच और संभावित गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस अब अन्य इन्फ्लूएंसर्स और यूट्यूबर्स से भी पूछताछ करने की योजना बना रही है। जांच के दायरे में आए अन्य नामों को भी जल्द ही समन भेजा जाएगा। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या इन इन्फ्लूएंसर्स ने जानबूझकर इस घोटाले में हिस्सा लिया था या वे भी अनजाने में इसका शिकार बने हैं।

पुलिस के अनुसार, आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है। मास्टरमाइंड शिवराम की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस को उम्मीद है कि बाकी आरोपियों का पता लगाना जल्द ही संभव हो जाएगा।

निवेशकों के लिए एक कड़ी चेतावनी

यह मामला निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। किसी भी निवेश से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना और उस निवेश के जोखिमों को समझना अत्यावश्यक है। खासकर जब बात सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स द्वारा प्रचारित किसी ऐप या सेवा की हो, तो उससे जुड़े तथ्यों की पूरी पड़ताल करनी चाहिए।

यह घटना न केवल धोखाधड़ी का शिकार बने निवेशकों के लिए एक सबक है, बल्कि उन इन्फ्लूएंसर्स के लिए भी है, जो बिना सोचे-समझे किसी भी ब्रांड या सेवा का प्रचार करते हैं।

निष्कर्ष
500 करोड़ के इस बड़े घोटाले ने सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स की नैतिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि कानून के शिकंजे से कोई भी बच नहीं सकता, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।

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