बाड़मेर में डेंगू का संकट: हर रोज़ बढ़ते मरीजों की संख्या से चिंतित
बाड़मेर जिले के जिला अस्पताल में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। यहाँ की हालात यह है कि जांच में हर दूसरा मरीज डेंगू पॉजिटिव निकल रहा है। पिछले चार-पांच दिनों में बुखार पीड़ितों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। यह स्पष्ट है कि डेंगू ने अब विस्फोटक रूप ले लिया है, और एक ही दिन में 36 नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
मलेरिया के बाद डेंगू का उभरता खतरा
बाड़मेर जिले में डेंगू के मामले अप्रैल से ही देखने को मिल रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। जब मौसमी बीमारियों के खतरे के चलते कुछ गतिविधियां संचालित की गईं, तो उनकी वास्तविकता की पुष्टि होते ही मामला छुपा दिया गया। अब, मलेरिया के बाद डेंगू ने भी अपना फन उठा लिया है। शहरी इलाकों में तेजी से डेंगू फैल रहा है, और इससे बड़े, बच्चे और बुजुर्ग सभी प्रभावित हो रहे हैं।
किशोरों और युवाओं में डेंगू का खौफ
हाल के आंकड़ों के अनुसार, डेंगू के पीड़ितों में किशोर और युवा सबसे ज्यादा हैं। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की भी संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, डेंगू के लक्षणों वाले बुखार पीड़ितों की जांच अभी तक नहीं की जा रही है, लेकिन यह आंकड़ा चिंताजनक है। बाड़मेर की कॉलोनियों में रहने वालों के लिए सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि वहाँ बरसात के पानी का जमाव हो चुका है, और कई जगहों पर कीचड़ और जल भराव की स्थिति बनी हुई है। यहाँ मच्छरों की भरमार है, जो डेंगू के फैलने का मुख्य कारण है।
इमरजेंसी में मरीजों की स्थिति
राजकीय जिला अस्पताल में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि मंगलवार को आपातकालीन वार्ड के सभी बेड फुल हो गए। रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें इमरजेंसी में ही रखा गया। कई घंटों बाद जब वार्ड में बेड खाली हुए, तब उन्हें शिफ्ट किया गया।
600 बेड पर भर्ती मरीज
अस्पताल में कुल 570 बेड की सुविधा है, लेकिन मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों के कारण अतिरिक्त वार्ड शुरू किया गया है। वर्तमान में 600 बेड पर मरीज भर्ती हैं, और प्रतिदिन 200 से अधिक नए रोगियों का आंकड़ा सामने आ रहा है। ऐसे हालात में अस्पताल के वार्ड पूरी तरह भर चुके हैं।
रोजाना 80-100 एलाइजा टेस्ट: चिंता का विषय
पिछले कुछ दिनों से जिला अस्पताल में रोजाना 80-100 सैंपल की डेंगू जांच की जा रही है। पहले यह व्यवस्था एक दिन छोड़कर होती थी, लेकिन अब ओपीडी में संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण सैंपल की संख्या भी बढ़ी है। यह स्थिति चिंता का विषय है।
आंकड़ों में हेराफेरी की संभावना
चिकित्सा विभाग के सूत्रों का कहना है कि बाड़मेर जिले में अब तक करीब 270 से अधिक डेंगू पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केवल 121 केस की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है। इस प्रकार, डेंगू पॉजिटिव के आंकड़ों में भी हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है।
मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि
अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसमें मौसमी बीमारियों के पीड़ितों की संख्या सबसे अधिक है। अतिरिक्त वार्ड की शुरुआत की गई है, और डेंगू जांच के लिए एलाइजा टेस्ट रोजाना किए जा रहे हैं।
बाड़मेर में डेंगू के केस की समयानुसार स्थिति
- 30 अगस्त: 25 केस
- 30 सितंबर: 85 केस
- 01 अक्टूबर: 121 केस
(स्रोत: स्वास्थ्य विभाग)
निष्कर्ष: जागरूकता और सावधानी की जरूरत
बाड़मेर में डेंगू की स्थिति चिंताजनक है, और इसके नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। आम जनता को भी जागरूकता बढ़ाने और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को समाप्त करने में सहयोग करना चाहिए। स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!
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