Kolkata Doctor Case: दरिंदगी के बाद सबूत कैसे मिटाए गए, CBI ने खोले कई चौंकाने वाले राज!

Kolkata Doctor Case: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और जांच के अहम पहलू कोलकाता कांड के मामले ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कुछ अहम तथ्य पेश किए, जिनसे मामले की गंभीरता और संगठित अपराध की ओर इशारा किया गया। आइए इस मामले के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं और जांच की दिशा पर नज़र डालते हैं।

संदीप घोष के घर का अवैध निर्माण

इस मामले में सबसे पहले एक बड़ा मुद्दा उठा संदीप घोष के घर के अवैध निर्माण का। कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों ने उनके घर का दौरा किया और वहां अवैध निर्माण की जांच शुरू की। यह आरोप लगाया गया कि संदीप घोष के बेलेघाटा स्थित घर का कुछ हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया है। हालांकि, यह मामला केवल अवैध निर्माण तक सीमित नहीं रहा। इससे जुड़ी जांच ने एक और बड़ा रहस्य उजागर किया।

दुष्कर्म और हत्या: संदीप घोष की भूमिका पर सवाल

सीबीआई इस समय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच कर रही है। इस मामले में संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। सीबीआई का कहना है कि जांच के दौरान कुछ जूनियर और सीनियर डॉक्टरों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जो संदीप घोष के करीबी माने जा रहे हैं।

जांचकर्ताओं के अनुसार, यह वारदात नौ अगस्त को हुई थी, और उसके बाद से ही सुबूतों को नष्ट करने की कोशिशें की जा रही थीं। इससे संगठित अपराध की तस्वीर और भी साफ हो रही है।

डॉक्टरों के कॉल डिटेल्स और लोकेशन की जांच

इस मामले में आठ अगस्त की रात ड्यूटी पर तैनात जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के मोबाइल कॉल डिटेल्स और टावर लोकेशन की जांच की जा रही है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि वे उस रात कहां थे और किससे संपर्क कर रहे थे। सीबीआई का मानना है कि इस जांच से पता चल सकेगा कि घटना के दौरान और उसके बाद क्या कुछ हुआ।

इसके अलावा, यह जानकारी मिली है कि घटना के बाद कुछ डॉक्टर सेमिनार हॉल में मौजूद थे। वे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के दौरान वहां थे और शव के आसपास से नमूने एकत्र कर रहे थे। इस बारे में कुछ डॉक्टरों से पूछताछ भी की गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे इस मामले में किस हद तक शामिल थे।

पोस्टमार्टम पर उठे सवाल

मामले की जांच के दौरान पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, जब पीड़िता का पोस्टमार्टम हो रहा था, तब पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पांच जूनियर डॉक्टर वहां मौजूद थे। अस्पताल प्रशासन ने इन्हें पोस्टमार्टम के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी थी।

पोस्टमार्टम के बाद इन डॉक्टरों ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई और अपने संतोष का इज़हार किया। दस्तावेज़ पर इन डॉक्टरों के हस्ताक्षर भी थे, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया को स्वीकृति दी थी। हालांकि, बाद में इस पर सवाल उठे कि क्या यह प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और सही ढंग से की गई थी।

सीबीआई ने याचिका वापस ली

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष को फिर से हिरासत में लेने की याचिका दाखिल की थी। हालांकि, सोमवार को सीबीआई ने इस याचिका को वापस ले लिया। संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को सियालदह कोर्ट में सीबीआई की विशेष अदालत में वर्चुअल माध्यम से पेश किया गया था।

न्यायाधीश का सवाल और सीबीआई का जवाब

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि यदि संदीप घोष से जेल में जाकर पूछताछ की जा सकती है, तो उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता क्यों है? इस सवाल का सीधा जवाब सीबीआई के पास नहीं था, जिसके चलते सीबीआई ने अपनी याचिका वापस ले ली।

न्यायाधीश ने आश्वासन दिया कि अगर सीबीआई जेल में जाकर पूछताछ करना चाहती है, तो अदालत इस पर विचार करेगी और अनुमति देगी।

मामले की जांच में आगे की दिशा

कोलकाता कांड की जांच अभी भी जारी है और इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई के अनुसार, यह मामला एक संगठित अपराध की ओर इशारा करता है, जिसमें कुछ वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं। साथ ही, संदीप घोष की भूमिका को भी गंभीरता से जांचा जा रहा है।

जांचकर्ताओं का मानना है कि सुबूतों को नष्ट करने की कोशिशें की गई हैं और इससे संगठित अपराध की संभावना और भी मजबूत हो रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी नए तथ्य सामने आ सकते हैं, जिससे यह पता चलेगा कि असल में इस वारदात के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल थे और उनकी क्या भूमिका थी।

समाप्ति

कोलकाता कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई और सीबीआई की जांच के बीच कई सवाल खड़े हो रहे हैं। संदीप घोष और अन्य संदिग्धों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं और क्या न्याय की जीत होती है।

Leave a Comment