Sheikh Hasina का इस्तीफा: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री फिलहाल भारत में, लंदन जाने की संभावनाएँ!
जारी हैं बांग्लादेश में राजनीतिक हलचलें: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, वर्तमान में भारत में रह रही हैं। ताजा खबरों के अनुसार, शेख हसीना लंदन जाने का विचार कर रही हैं। 
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की तैयारी की जा रही है, जिसमें सेना के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस इस अंतरिम सरकार के प्रमुख बन सकते हैं। यह घटनाक्रम बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करने वाला है और दुनिया भर में इस पर नजरें टिक गई हैं।
सर्वदलीय बैठक में राहुल गांधी ने कही ये महत्वपूर्ण बात
बांग्लादेश मुद्दे पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति के भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। हाल ही में बांग्लादेश में घटित घटनाओं के संदर्भ में, गांधी जी ने सरकार द्वारा प्रस्तुत जानकारी के बाद राष्ट्रीय हित में उठाए गए कदमों का समर्थन किया।
हालांकि, उन्होंने इस गंभीर घटनाक्रम में विदेशी ताकतों की संभावित भूमिका पर सवाल उठाए और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति पर प्रकाश डाला। खासकर, अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों पर हुए हमलों की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए, उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की अपील की। गांधी जी ने इस मुद्दे की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
सीमा पर सुरक्षा हालात का जायजा लेने पहुंचे बीएसएफ डीजी
बांग्लादेश में चल रहे संकट के दौरान, बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल, दलजीत सिंह चौधरी, उत्तर 24 परगना जिले में स्थित बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे हैं। इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान, उन्होंने सीमा सुरक्षा व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति को सुनिश्चित करना और बांग्लादेश से लगी सीमा पर सतर्कता बनाए रखना है।
तस्लीमा नसरीन ने शेख हसीना पर साधा निशाना
निवासित जीवन जी रही प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश के राजनीतिक हालात को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जोरदार हमला किया है। तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर एक प्रभावशाली पोस्ट साझा करते हुए कहा कि शेख हसीना ने 1999 में इस्लामी कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए उन्हें देश से बाहर कर दिया और फिर कभी बांग्लादेश में लौटने की इजाजत नहीं दी।

अब, वही कट्टरपंथी जो आज छात्र आंदोलनों में सक्रिय हैं, ने शेख हसीना को भी देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। यह स्थिति बांग्लादेश की राजनीति की वास्तविकता को उजागर करती है और सवाल उठाती है कि सत्ता और कट्टरपंथ के बीच की यह जंग देश को किस दिशा में ले जा रही है।
नाहिद इस्लाम: बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली प्रेरणादायक नेता
बांग्लादेश में उन विरोध प्रदर्शनों के चलते, जिनके कारण शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा, नाहिद इस्लाम का नाम चर्चा में है। नाहिद, समाजशास्त्र के एक सक्रिय छात्र और प्रभावशाली छात्र नेता हैं। अक्सर उन्हें बांग्लादेशी ध्वज को अपने माथे पर बंधे हुए देखा जाता है, जो उनके देशभक्ति और दृढ़ संकल्प की मिसाल है।
बांग्लादेश के युवाओं में नाहिद इस्लाम की गहरी छाप है और उनकी बातें और कार्यवाही युवा पीढ़ी को प्रेरित करती हैं। उन्होंने आरक्षण के खिलाफ छात्रों की एक शक्तिशाली आंदोलन का नेतृत्व किया, और इसी आंदोलन के बल पर बांग्लादेश की सरकार को गिरा दिया। उनके साहसिक कदम और नेतृत्व ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला दिया है।
शेख हसीना के बेटे ने पाकिस्तान पर लगाए गंभीर आरोप!
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि उनके देश में चल रहे हालिया तनाव और संघर्ष के पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की संभावित भूमिका हो सकती है। इसके साथ ही, जॉय ने यह भी कहा कि अमेरिका की भूमिका को भी पूरी तरह से नकारा नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, और यह सवाल उठाया है कि क्या क्षेत्रीय और वैश्विक ताकतें इस संकट को और भी जटिल बना रही हैं।
बांग्लादेश: थानों में भीषण तोड़फोड़ और आगजनी का मंजर!
बांग्लादेश में हिंसा का तांडव अब भी जारी है, और शेख हसीना के देश छोड़ने के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। चटगांव में इन उग्र प्रदर्शनकारियों ने छह पुलिस थानों को ध्वस्त कर दिया और आगजनी की। यहां तक कि उन्होंने थानों से हथियार भी लूट लिए हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने आवामी लीग के नेताओं और अधिकारियों को निशाना बना लिया है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बांग्लादेश में सेना प्रमुख आज प्रदर्शनकारियों के नेताओं से संवाद कर सकते हैं, ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
 
			








